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ग्रीष्म ऋतू / summer 🌞 आयुर्वेद क्या कहता है? ज्येष्ठ से आषाढ़ और अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से मई, जून और जुलाई के महीनों को ग्रीष्म ऋतु के अंतर्गत माना जाता है। इस ऋतु में सूर्य की किरणें इतनी तेज़ और चुभने वाली हो जाती हैं कि वो पृथ्वी से सारा सौम्य और शीतलीय अंश सोख लेती हैं। हर जगह टेम्परचर ज़्यादा होता है और वातावरण रुखा सूखा सा रहता है। इस समय मानव शरीर में पित्त दोष हावी होने लगता है जिससे सर दर्द, चक्कर, रक्तचाप, पित्त, जलन, ज्वर जैसी बीमारियां बढ़ने लगती हैं। आयुर्वेद के अनुसार इस ऋतु में पित्त दोष से स्वास्थ्य के बचाव के लिए चावल, घी-दूध, शीतल पेय जैसे पदार्थों का सेवन करना लाभदायक होता है। आयुर्वेद के अनुसार पित्त शरीर के 3 दोषों में से एक है। पित्त शरीर में पाचन शक्ति या अग्नि को नियंत्रित करता है। जब पित्त नियंत्रण से बाहर हो जाता है, तो पेट की समस्याओं का कारण बन सकता है। पित्त को तैलीय, गर्म और हल्का माना जाता है। इससे गर्मी का तनाव भी हो सकता है। गर्मियों में शरीर निर्जलीकरण का अनुभव करता है, ऐसे में गर्मी अधिक महसूस होती है। गर्मियों में अधिकतर लोगों को पेट की गर्मी का सामना करना पड़ता है। शरीर की गर्मी को शांत करने के लिए पर्याप्त पानी पीना जरूरी होता है। मौसम है तो गर्मी लगेगी ही. लेकिन हाइपरथर्मिया के मरीजों से इससे परेशानी हो सकती है. हाइपरथर्मिया तेज धूप और गर्मी के कारण होता है. यदि आप निर्जलित हैं तो आपको हाइपरथर्मिया होने का खतरा अधिक होता है. कई बार यह हीट स्ट्रोक से भी अधिक खतरनाक होता है. ऐसे में यह जानना महत्वपूर्ण है कि गर्मी के मौसम में हम खुद को कैसे बचाएं. इस आर्टिकल में हम उन खाद्य पदार्थों के बारे में बात करेंगे जो हमारे शरीर के तापमान को कम करने में मदद करते हैं.. शरीर की गर्मी निकालने के लिए आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। हर रोग 4 लीटर पानी जरूरी पिएं। इसके अलावा पानी से भरपूर आहार ही खाना चाहिए। इसके लिए आप अपनी डाइट में खीरा, तरबूज, स्ट्रॉबेरी, नारियल पानी, फलों का जूस आदि शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा सूप, सब्जियों का जूस, गन्ने का जूस भी लाभकारी हो सकता है। शरीर की गर्मी या पित्त को कम करने के लिए आपको अपनी डाइट में ठंडी तासीर के खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। इसके लिए आप डाइट में खीरा, आंवला, तरबूज, खरबूजा, ब्रोकली आदि का सेवन कर सकते हैं। इससे शरीर की गर्मी कम होगी, सेहत को भी लाभ मिलेगा। 1 तुलसी के बीज यह शरीर को ठंडक देता है, कब्ज को कम करता है और सीने में जलन का इलाज करता है। तुलसी के बीज में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है, जो बहुत फायदेमंद है। तुलसी के बीज को पानी में डालें, और इसे फूलने दें। इसे ऐसे ही सेवन करें या फिर दूध या छाछ में मिलाकर भी पि सकते हैं। 2. गुलकंद गुलकंद शरीर की गर्मी को कम करने में मदद करता है। मगर इसे खरीदते वक्त एक बात का ध्यान रखें कि इसमें चीनी की मात्रा कम हो। दिन में लगभग 1 चम्मच सेवन करें। यहां तक कि मधुमेह रोगी भी इसे ले सकते हैं। तुलसी के बीज के साथ दूध में डालिये और मिल्कशेक बना लीजिये। डॉ रविंद्र बोराडे.( आयुर्वेदाचार्य) Dr Ravindra Bordae ( Ayurvrdacharya) पुणे आयुर्वेद / www.puneayurveda.com