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chicken Gunia joint pain & ayurved treatment चिकनगुनिया एक वायरल बिमारी होता है। चिकनगुनिया के लक्षण डेंगू से बहुत मिलते-जुलते हैं। यह रोग एडिस प्रजाति के मच्छर के काटने से होने वाली एक गम्भीर बिमारी है। इसलिए चिकनगुनिया है या डेंगू या कि आम फीवर है ये जानने के लिए बुखार होने पर तुरन्त डॉक्टर के पास जाना चाहिए। चिकनगुनिया के बारे में जानने के लिए चलिये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं और ये भी जानते हैं कि चिकनगुनिया से बचने के क्या घरेलू उपाय हैं। चिकनगुनिया को शरीर में आने के बाद फैलने में 4 दिन का समय लगता है और फिर उसके लक्षण समय के साथ नजर आने लगते हैं। -हाथों और पैरों में चकत्ते बन जाते हैं। -शरीर के विभिन्न जोड़ों में दर्द होने लगता है जो मनुष्य को कमजोर बना देती है। -यह कुछ दिनों तक चलता है या कईं हफ्तों तक भी चल सकता है। -मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द एवं थकान का अनुभव होता है। -यह बिमारी विशेष रूप से बुजुर्ग और युवा द्वारा अनुबंधित हो तो अधिक गम्भीर होता है। -गम्भीर पीठ दर्द -आँखों में पीड़ा एवं कंजेक्टिवाइटिस होना -अनिद्रा तथा निर्बलता भी शामिल है पर्याप्त मात्रा में पानी चिकनगुनिया से दिलाये राहत (Sufficient amount of water intake helps to relieve from Chikungunia) चिकनगुनिया होने पर रोगी के शरीर में पानी की कमी हो जाती है। पानी शरीर के सभी विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है । यदि चिकनगुनिया से ग्रसित रोगी को पानी कम मात्रा में पिलाया जाएगा तो उसे डीहाईड्रेशन की समस्या हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार यह विष्णु जन्य संधिवात का एक प्रकार है। जिसमें वात दृष्टि होती है। आसमान मात्रा में बड़ा हुआ वात शरीर में दर्द , सूजन , चुभन उत्पन्न करता है। चिकित्सा के लिए रुग्ण के नाडी परीक्षा के अनुसार एवं प्रकृति परीक्षा के अनुसार दवाइयां परामर्श किया जाता है डॉ बोराडे एवं उनके साथ के चिकित्सा के अनुभूति योग से चिकनगुनिया ठीक होने में काफी मदद मिलता है। कुछ चीनी आयुर्वेदिक दवा जो वातव्याधि के अनुसार बनाई है पेशेंट को आराम देने में काफी हद तक सफल हुए हैं। कुछ घरेलू नुक्से में चिकनगुनिया से राहत के लिए गिलोय स्वरस या गिलोय कैप्सूल लें या एक दिन में एक ग्राम की डोज पर्याप्त है। हम सब के घरों में तुलसी का पौधा औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी हमारे प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और हमें बिमारियों से बचाती है। चिकनगुनिया में सहजन की फलियों का सूप पीने को दिया जाता है। इसके पत्ते भी काफी फायदेमंद होते हैं। सहजन के सेवन से मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं। चिकनगुनिया में अजवायन देने की सलाह दी जाती है। अजवायन में थाइमोल नामक एक तेल पाया जाता है जो लोकल एनेस्थिसिया की तरह काम करता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर का दर्द कम हो जाता है। हमें संपर्क करने हेतु www.puneayurveda.com 9823184987 7767038881